How to Identify Marriage Yoga in Kundli | कुंडली में विवाह योग को कैसे पहचानें?
How to Identify Marriage Yoga in Kundli: विवाह जीवन का एक अहम हिस्सा होता है जिसको वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) के अनुसार देखा जा सकता है| जैसे कि विवाह का योग कब बनेगा, सही समय और लव मैरिज या फिर अरेंज मैरिज तथा जन्म कुंडली के अनुसार ही आप वैदिक ज्योतिष का प्रयोग करके विवाह में आने वाली बाधा को टाला जा सकता है जिसके कारण हम बहुत सारी अनहोनी का शिकार होने से बच जाते है|
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How to identify marriage yoga in kundli Overview-
विवाह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जोकि हमारे सांसरिक जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है या हम कह सकते है कि हमारा आगे का जीवन कैसे चलने वाला है यह सब विवाह पर पूर्ण रूप से निर्भर होता है| इसलिए कुंडली (kundli) का विवाहिक जीवन में बहुत महत्व होता है | ज्योतिष (Vedic Astrology) के अनुसार ही जन्म कुंडली को प्रयोग करके ही विवाह का अनुमान लगाया जाता है | इसको पता करने के लिए सामान्य रूप से सप्तम भाव को देखा जाता है |
सप्तम भाव (7th House) मजबूत हो.

आइये हम इसको विस्तार से समझते है-
- ज्योतिष में विवाह मुख्य रूप से सप्तम भाव (7th house), शुक्र (Venus), गुरु (Jupiter) और नवांश कुंडली (Navamsa chart) से देखा जाता है।
- 7वां भाव – जीवनसाथी, विवाह, साझेदारी
- शुक्र – प्रेम, रिश्ते, दांपत्य सुख (पुरुष की कुंडली में)
- गुरु – स्त्री के विवाह का मुख्य ग्रह
- नवांश कुंडली (D-9) – शादी के बाद जीवन, जीवनसाथी का स्वभाव
1. सप्तम भाव (7th House) मजबूत हो –
यदि 7वें भाव में शुभ ग्रह (शुक्र, गुरु, चंद्रमा) हों तो शादी के शुभ योग बनते हैं।
2. सप्तमेश (7th Lord) शुभ भाव में हो –
1, 5, 9, 11 भाव में होने पर विवाह सुख समृद्ध होता है।
3. शुक्र मजबूत हो और पाप ग्रह से प्रभावित न हो –
कमजोर शुक्र = देरी से विवाह, वैवाहिक जीवन में तनाव।
4. गुरु का शुभ प्रभाव –
लड़कियों की कुंडली में गुरु शुभ हो तो अच्छा जीवनसाथी मिलता है।
5. नवांश कुंडली में 7वां भाव शुभ होना चाहिए –
असली शादीशुदा जीवन नवांश से देखा जाता है।
प्रेम विवाह का योग (Signs of love marriage yog in Navmansh kundli):
प्रेम विवाह के योग भी जन्म कुंडली (kundli) को वैदिक ज्योतिष की मैडम से ही देखा जा सकता है | इसमें 12 भाव में से 5वें और 7वें भाव का आपस में मिलान देख कर आपकी कुंडली से अनुसार रखा जाता है और फिर जो भी दोनों भाव का मिलान होता है उसके अनुसार ही आपकी कुंडली आपके प्रेम विवाह को दर्शाती है |
5वें और 7वें भाव का संबंध –
- शुक्र + राहु का मेल
- 7वें भाव में राहु / चंद्र
- लग्नेश और सप्तमेश का साथ
- नवांश में 5-7 का कनेक्शन
- शुक्र + राहु = इंटरकास्ट / सोशल बाउंड्री तोड़कर शादी
अरेंज मैरिज के योग (Arranged Marriage Yog in Kundli ) –
- गुरु मजबूत और पारिवारिक योग अच्छा
- 7वां भाव शांत, पाप ग्रह मुक्त
- शुक्र + शनि का संबंध
- 2, 4, 7, 11 भाव सक्रिय
- कुंडली में पारिवारिक समर्थन के योग
विवाह का समय और तिथि ( Marriage prediction by date of birth) –
विवाह का समय और तिथि हमेशा कुंडली में दशा / अंतरदशा से निर्धारित होता है| जिसमे शुक्र / गुरु / सप्तमेश की दशा में शादी होती है, और ट्रांजिट में गुरु का 7वें भाव पर गोचर शुभ होता है|
Marriage Prediction by Date of Birth (जन्मतिथि से विवाह का अनुमान)
| मूलांक | विवाह योग |
| 1, 2, 6, 7 | जल्दी विवाह |
| 4, 8 | देर से विवाह |
| 5, 9 | प्रेम विवाह योग |
प्रेम विवाह या अरेंज मैरिज (Love or arranged marriage prediction by date of birth) –
मूल्यांक, भाग्यक और जन्म तिथि की सहायता से आप प्रेम विवाह या अरेंज मैरिज का अनुमान लगा सकते है जो कि आपकी जन्म कुंडली के गृह नक्षत्र की दिशा से देखी जा सकती है |
निष्कर्ष (Conclusion) –
जन्म कुंडली के अनुसार विवाह योग देखने के लिए 7वां भाव, शुक्र, गुरु और नवांश कुंडली सबसे महत्वपूर्ण हैं। जो कि वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) विधि से देखि जा सकती है, इसके लिए आप किसी भी ज्योतिष (Astrologer) से संपर्क कर सकते है और आज कल बहुत सारे ऑनलाइन Astrology प्लेटफार्म है जहा से आप घर बैठे अपनी जनम कुंडली की सहायता से विवाह योग और बाकी भविष्य दिखवा सकते है |
Note-
प्रेम विवाह के लिए राहु, शुक्र, 5वां भाव सक्रिय होता है।
अरेंज्ड मैरिज गुरु + पारिवारिक योग से बनती है।
सही भविष्यवाणी के लिए जन्म समय सही होना बहुत आवश्यक है।
आज हमने आपको How to Identify Marriage Yoga in Kundli के बारे में सम्पूर्ण जानकारी बताया, अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करे। धन्यवाद।
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