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Future of Electric Cars In India: भारत में ईवी कार का भविष्य!

Future of Electric Cars In India

Future of Electric Cars in India: भारत में ईवी बाजार 2022 में 3.21 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2029 तक 113.99 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है, और ईवी बैटरी बाजार भी 2023 में 16.77 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2028 तक 27.70 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है।

What is the Future of Electric Cars in India? : Overview

अगर हम बात करे की EV फ्यूचर हमारे दैनिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। तो एक्सपर्ट्स की एनालिसिस और उम्मीद जताई जा रही है कि EV फील्ड 10 मिलियन डायरेक्ट और ५० मिलियन Indirect jobs भारतीय बाजार में रोजगार देगा जो कि भारतीय इकॉनमी में एक अच्छा बदलाव लेकर आ सकता है। EV को ध्यान में रखते हुए भारतीय गवर्नमेंट भी ग्रीन नेशनल हाईवे बनाने पर कार्य कर रही है।

EVs Cars को लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:

नीति आयोग ने लक्ष्य रखा है कि 2030 तक 30% प्राइवेट व्हीकल, 70% कमर्शियल व्हीकल और 80% two व्हीलर को EV से रिप्लेस करना है, भारत में, कम कार्बन कटौती, कम ध्वनि प्रदूषण और ईंधन दक्षता के कारण ईवी अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं। कुछ लोकप्रिय ईवी में महिंद्रा एक्सईवी 9ई, एमजी विंडसर ईवी और एमजी कॉमेट ईवी शामिल हैं।

Important information on EV car

ऊर्जा खर्च कम:

Electrical Vehicles की फ्यूल एनर्जी की बात करे तो 85-90% कुशल हैं, जबकि डीजल और पेट्रोल इंजन कारें केवल 17-21% कुशल हैं। इसका मतलब यह है, कि ईवी समान दूरी तय करने के लिए कम ऊर्जा की जरुरत होती है।
ईवी प्रदूषण को शहरों से बिजली संयंत्रों तक ले जाते हैं, जिससे शहरी वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है, और ईवी बैटरियों के उत्पादन का महत्वपूर्ण पर्यावरणीय प्रभाव पड़ता है, और इन बैटरियों के परिवहन से कार्बन फुटस्टेप भी बढ़ सकता है।

वायु प्रदूषण कम करना:

ये कहने में कोई आश्चर्य नहीं होगा कि EV CARS, ट्रेडिशनल कारों की तुलना में कम ध्वनि प्रदूषण पैदा करती है।

सुचारु रख-रखाव:

अधिकतम दक्षता के लिए अपने ईवी की बैटरी को 20% से 80% के बीच चार्ज रखें। आपको ठंडे मौसम में अधिक बार चार्ज करने की योजना बनानी चाहिए। आपके चार्जिंग कनेक्टर को जमने से बचाने के लिए चुंबकीय ईवी चार्जिंग इनलेट कनेक्टर बैग का उपयोग करें।

बैटरी प्रौद्योगिकी में सुधार:

EVs में USE की जाने वाली दो प्रकार की लिथियम-आयन बैटरियां एलएफपी (लिथियम फेरस फॉस्फेट) और एनएमसी (निकल मैंगनीज कोबाल्ट) हैं। एनएमसी बैटरियां कम पर्यावरण-अनुकूल होती हैं, और एलएफपी बैटरियों की तुलना में इनका जीवनकाल कम होता है।

स्वच्छ और शांत चालन:

स्वच्छ और शांत चालन के कारन EV व Vehicles को आज कल भारतीय बाजार में काफी ज्यादा पसंद किया जा रहा है जिसके कारन रख-रखाव और स्वच्छता रखने में काफी ज्यादा आसानी मिलती है।

बढ़ते बैटरी लाइफ:

EV Vehicles में अब बढ़ते बैटरी लाइफ को देखा जा रहा है, आज कल देखने में आ रहा है कि 8 years की वारंटी के साथ EV बैटरी आ रही है जिस से 8 वर्ष तक के लिए बैटरी का अच्छा परफॉरमेंस दिखेगा और EV बैटरी का रिप्लेसमेंट इसके ईंधन के खर्चे को 50% तक कम में ले आता है।

ध्वनि प्रदूषण में कमी:

EV वाहनों के मार्किट में आने से सीधा-सीधा सम्भावनाए जताई जा सकती है, कि Noise pollution और Air pollution से काफी राहत देखने को मिल सकेगी। इस से ज्यादा फायदा Environment में देखने को मिलेगा जिस कारण सभी मानव प्रजाति को एक स्वस्थ जीवन जीने में आसानी होगी।

चार्जिंग बुनियादी ढांचे का विस्तार:

रिपोर्ट्स के अनुसार 2018 में EV चार्जिंग पॉइंट्स का विस्तार 1800 से बढ़कर (24 मार्च, 2024 ) तक 16000 पर पहुंच गया है।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक ईवी चार्जिंग बाजार 2030 तक 164 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

कम परिचालन लागत:

2020 के consumer सर्वे के मुताबिक EV Vehicles के ड्राइवर गैस वाले वाहनों के अपेक्षा 60 % तक कम कीमत में वाहन चला रहे है, तब ये कहना बिलकुल सही होगा कि EV वाहनों की वजह से सफर काफी किफायती होने वाला है।

निष्कर्ष:

आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको “Future of Electric Cars in India” के बारे में पूरी डिटेल से जानकारी दी है। अगर आपको इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी अच्छी लगी हो, तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करे। ऐसे और भी Automobile से जुडी जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहे। धन्यवाद।

FAQ

भारत में इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य क्या है?

अगर बात करे भारत में इलेक्ट्रिक कार के भविष्य की तो आपको बता दे की आने वाले 2030 तक भारत में इलेक्ट्रिक कारो की वृद्धि बहुत तेजी से देखने को मिलेगी।

भारत में EV क्यों नहीं बढ़ रहा है?

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत वर्तमान समय में बहुत ज्यादा हैं,और चार्जिंग समय की लागत और उपलब्धता भी एक प्रमुख कारक है।

इलेक्ट्रिक कारों में क्या समस्या है?

इलेक्ट्रिक कारों का एक मुख्य समस्या इसकी बैटरी लाइफ़ है। सभी बैटरियों की तरह कार के बैटरी की क्षमता कम होती जाती है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि हर साल बैटरी की क्षमता लगभग 2.3% कम हो जाती है।

कौन सी कंपनी भारत में इलेक्ट्रिक कार लॉन्च की थी?

भारत में सबसे पहले इलेक्ट्रिक कार की शुरुआत कार निर्माता कंपनी महिंद्रा ने की थी। महिंद्रा ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार साल 2001 में महिंद्रा रेवा (Mahindra Reva) के नाम से इंडियन मार्केट में लॉन्च की थी।

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One thought on “Future of Electric Cars In India: भारत में ईवी कार का भविष्य!”

  1. sushil says:

    very nice

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